आओ रामा भोग लगाओ श्यामा
प्रसाद का भरिया थाल
आकर के भोग लगाओ न........
भीलनी के बैर, सुदामा के तंदुल
रूच रूच भोग लगाओ ... रामा रूच रूच भोग लगाओ ...
आवो रामा ...................
दुर्योधन के मेवा त्यागे
साग विदूर घर खायो,साग विदूर घर खायो ...
आवो रामा ...................
नरसिंह भगत की हुंडी त्यारी
सावालियो बन आयो , सावालियो बन आयो ,
आवो रामा .......................
ऐसा भोग लगाओ मेरे रामा
सब अमृत हो जाए राम , सब अमृत हो जाए .....
आवो रामा ..............................
जो कोई इस भोग को खाए
तैसा ही जो जाए रामा, तेरा ही हो जाए....
आवो रामा .............
सारी संगत अरज कर हैं
आकर दर्शन देवो ना, आकर दर्शन देवो ना
आवो रामा ............
मीरा के प्रभु गिरधर नागर
चरण कमल चित लगाओ , रामा चरण कमल.....
आवो रामा.......