आओ आओ यशोदा के लाल
आज मोहे दरशन से कर दो निहाल
आओ आओ,
आओ आओ यशोदा के लाल
नैया हमारी भंवर मे फंसी
कब से अड़ी उबारो हरि
कहते हैं दीनों के तुम हो दयाल
आओ आओ,
आओ आओ यशोदा के लाल
अब तो सुनलो पुकार मेरे जीवन आधार
भवसागर है अति विशाल
लाखों को तारा है तुमने गोपाल
आओ आओ
आओ आओ यशोदा के लाल
यमुना के तट पर गौवें चराकर
छीन लिया मेरा मन मुरली बजाकर
हृदय हमारे बसो नन्दलाल
आओ आओ
आओ आओ यशोदा के लाल