ॐ जय श्री राणी सती माता, मैया जय राणी सती माता,
अपने भक्त जनन की दूर करन विपत्ती॥
अवनि अननंतर ज्योति अखंडीत, मंडितचहुँक कुंभा
दुर्जन दलन खडग की विद्युतसम प्रतिभा॥
मरकत मणि मंदिर अतिमंजुल, शोभा लखि न पडे,
ललित ध्वजा चहुँ ओरे , कंचन कलश धरे॥
घंटा घनन घडावल बाजे, शंख मृदुग घूरे,
किन्नर गायन करते वेद ध्वनि उचरे॥
सप्त मात्रिका करे आरती, सुरगण ध्यान धरे,
विविध प्रकार के व्यजंन, श्रीफल भेट धरे॥
संकट विकट विदारनि, नाशनि हो कुमति,
सेवक जन ह्रदय पटले, मृदूल करन सुमति,
अमल कमल दल लोचनी, मोचनी त्रय तापा॥
त्रिलोक चंद्र मैया तेरी,शरण गहुँ माता॥
या मैया जी की आरती, प्रतिदिन जो कोई गाता,
सदन सिद्ध नव निध फल, मनवांछित पावे

Please join our telegram group for more such stories and updates.telegram channel