नवदुर्गा हिन्दू धर्म में माता दुर्गा अथवा पार्वती के नौ रूपों को एक साथ कहा जाता है। इन नवों दुर्गा को पापों के विनाशिनी कहा जाता है, हर देवी के अलग अलग वाहन हैं, अस्त्र शस्त्र हैं परंतु यह सब एक हैं।

दुर्गा सप्तशती ग्रन्थ के अंतर्गत देवी कवच स्तोत्र में निम्नांकित श्लोक में नवदुर्गा के नाम क्रमश: दिये गए हैं--

प्रथमं शैलपुत्री च द्वितीयं ब्रह्मचारिणी।
तृतीयं चन्द्रघण्टेति कूष्माण्डेति चतुर्थकम्।।
पंचमं स्कन्दमातेति षष्ठं कात्यायनीति च।
सप्तमं कालरात्रीति महागौरीति चाष्टमम्।।
नवमं सिद्धिदात्री च नवदुर्गा: प्रकीर्तिता:।
उक्तान्येतानि नामानि ब्रह्मणैव महात्मना:।।

नव रात्रि में बहुत सारी छोटी छोटी बातें हैं जो हमे जानना जरूरी है में यहाँ पर दो बातें बताऊंगा ।

1.नौरात्र में घट स्थापना के दिन माँ किस पर सवार होकर आती हैं ? मा की सवारी नौरात्र में वार के अनुसार बदलता रहता है

2.जब दशमी की दिन जब नौरात्र का पर्व पूर्ण हो जाता है तो माँ किस वाहन पर सवार होकर जाती हैं इन सब बातों को जानना बहुत जरूरी हैं

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