उसे प्यार करेगा ।उसकी तारीफ करेगा ।
उसे छेड़ेगा ।
उसे घुमाने ले जाएगा ।
ऐसी सब ।
और पति की कि जब वो शाम को थककर आएगा तो बीबी सजी धजी मुस्कुराहट के साथ हाथ मे पानी का गिलास और चाय लेकर मिलेगी।
उससे बहुत प्यार करेगी।
लेकिन हुआ क्या पत्नी दिन भर घर के कामो में लगी रही।शाम को ख्याल भी नही की पति कब आ गया।फिर दिन भर की शिकायतें तो उसी से करनी है।
और खुद की।हालत तो ऐसी पूछो मत ।गंदी साड़ी।कोई चेहरे पे रौनक नही ।
थका हुआ चेहरा ।
और वो सोच रही।है पति प्यार करे पति सोच रहा है पत्नी करे ।
ऐसे सब झमेलों से निकली है ये शादियां।
न लोगो के पास अच्छे पल है सोचने को ।न कोई ऐसी यादे।की प्यार से भर सके।
तो दोनों ने खुशी बाहर ढूंढनी शुरू की ।
और दोनों को मिली भी ।क्योंकि वहाँ आप दोस्त भी हो प्रेमी भी ।
अपना दर्द बाँट सकते हो।अब जहाँ आप थे वहां आप नही।उस तरह जुड़ पा रहे हो।।
पर स्त्री को अपने पति को खुश रहने की स्वत्रंत्रता देनी होगी और पुरुष को भी उतनी ही स्वतंत्रता स्त्री को।।
दोनो को बिना किसी आत्म ग्लानि के अपनी जिंदगी को।खुश रखने का हक़ है।पर अपनी जिम्दारियों के प्रति भी फ़र्ज़ है।
विवाह एक बंधन है पर इसमे स्वतंत्रता की मांग है।आज।
वरना छुपे हुए रिश्तों से लोग अपराध की ओर बढ़ेंगे।छुपाने की वजह से एक दूसरे की जान लेंगे।
या तलाक़ होंगे ।
पर न छुपाना ही हल है न ही तलाक़ ।
दोनो जीवन साथी को एक दूसरे को अपनी खुशी में जीने की इजाज़त देना ही सही जीवन साथी की पहचान होना चाहिए।
बहुत मुश्किल है।पर अगर लोगो को अपनी आत्मा के स्तर से ऊपर उठना है तो।खुद को।स्वीकार करना होगा।
और हमे एक दूसरे को भी ।
क्या पता वहुत से पति पत्नी में अब प्रेम के अंकुर फूट पड़े।
उन्हें उतना सुख घर मे ही मिल जाये जिसकी तलाश में वो बाहर है।
एक बार अपनी अपनी अपेक्षाएँ एक दूसरे को बताकर देखे ।
फिर से नए जीवन की शुरुआत करे।
बिना किन्ही नियमो के।
निश्चित ही आप आने जीवन साथी में ही सही साथी पा लेंगे।
पर इसके लिए उसे बंधन मुक्त करना होगा।उसकी खुशी को अपनी खुशी समझना होगा।ईर्ष्या ,द्वेष से रिश्ते को परे रखना होगा।विशुद्ध प्रेम करना होगा ।छनकर ,तपकर जो रिश्ता निकलेगा वो सोना होगा ।#285327434
उसे छेड़ेगा ।
उसे घुमाने ले जाएगा ।
ऐसी सब ।
और पति की कि जब वो शाम को थककर आएगा तो बीबी सजी धजी मुस्कुराहट के साथ हाथ मे पानी का गिलास और चाय लेकर मिलेगी।
उससे बहुत प्यार करेगी।
लेकिन हुआ क्या पत्नी दिन भर घर के कामो में लगी रही।शाम को ख्याल भी नही की पति कब आ गया।फिर दिन भर की शिकायतें तो उसी से करनी है।
और खुद की।हालत तो ऐसी पूछो मत ।गंदी साड़ी।कोई चेहरे पे रौनक नही ।
थका हुआ चेहरा ।
और वो सोच रही।है पति प्यार करे पति सोच रहा है पत्नी करे ।
ऐसे सब झमेलों से निकली है ये शादियां।
न लोगो के पास अच्छे पल है सोचने को ।न कोई ऐसी यादे।की प्यार से भर सके।
तो दोनों ने खुशी बाहर ढूंढनी शुरू की ।
और दोनों को मिली भी ।क्योंकि वहाँ आप दोस्त भी हो प्रेमी भी ।
अपना दर्द बाँट सकते हो।अब जहाँ आप थे वहां आप नही।उस तरह जुड़ पा रहे हो।।
पर स्त्री को अपने पति को खुश रहने की स्वत्रंत्रता देनी होगी और पुरुष को भी उतनी ही स्वतंत्रता स्त्री को।।
दोनो को बिना किसी आत्म ग्लानि के अपनी जिंदगी को।खुश रखने का हक़ है।पर अपनी जिम्दारियों के प्रति भी फ़र्ज़ है।
विवाह एक बंधन है पर इसमे स्वतंत्रता की मांग है।आज।
वरना छुपे हुए रिश्तों से लोग अपराध की ओर बढ़ेंगे।छुपाने की वजह से एक दूसरे की जान लेंगे।
या तलाक़ होंगे ।
पर न छुपाना ही हल है न ही तलाक़ ।
दोनो जीवन साथी को एक दूसरे को अपनी खुशी में जीने की इजाज़त देना ही सही जीवन साथी की पहचान होना चाहिए।
बहुत मुश्किल है।पर अगर लोगो को अपनी आत्मा के स्तर से ऊपर उठना है तो।खुद को।स्वीकार करना होगा।
और हमे एक दूसरे को भी ।
क्या पता वहुत से पति पत्नी में अब प्रेम के अंकुर फूट पड़े।
उन्हें उतना सुख घर मे ही मिल जाये जिसकी तलाश में वो बाहर है।
एक बार अपनी अपनी अपेक्षाएँ एक दूसरे को बताकर देखे ।
फिर से नए जीवन की शुरुआत करे।
बिना किन्ही नियमो के।
निश्चित ही आप आने जीवन साथी में ही सही साथी पा लेंगे।
पर इसके लिए उसे बंधन मुक्त करना होगा।उसकी खुशी को अपनी खुशी समझना होगा।ईर्ष्या ,द्वेष से रिश्ते को परे रखना होगा।विशुद्ध प्रेम करना होगा ।छनकर ,तपकर जो रिश्ता निकलेगा वो सोना होगा ।#285327434
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