कल्लाजी का जन्मनाम केसरसिंह था। इनकी माता श्वेत कुंवर ईडर के लक्खूभा चौहान की पुत्री थी। यह बचपन से ही शिव-पार्वती की बड़ी भक्त थी। जब उसके कोई मदतगार कलामा न स आरामबस अपन विवाह के अन्तरवासे का एक पुतला बनाया शिव की आराधना में लीन हो गई। उसकी ऐसी तन्मयता देश शिव आन में प्राण प्रतिष्ठा कर दी।