ले चल नैया पार!
माँझी ले चल नैया पार
अभी किनारा बहुत दूर है,
मत हिम्मत तू हार !
माँझी ले चल नैया पार
सरिता की लहरे लहराती
आती हैं मद-माती!
डगमग नैय्या तेरी डोले,
लहरें होड़ लगती !
सँभल संभल कर चला इसे तू
छूटे ना पतवार !
माँझी ले चल नैया पार !
में इससे अब प्यारे माझी
अतिशय हु ही डरता
उछल उछल अब पानी
इसमें देख, जा रहा भरता!
ले चल, इसको अभी किनारे,
लंगर जल्दी डाल !
माँझी ले चल नैया पार: