इल्वला तथा वातापी दो राक्षस भाई थे । उन्हें यतियों तथा तपस्वियों से गहरा द्वेश था क्योंकि किसी तपस्वी ने उसे पुत्र प्राप्ति का आशीर्वाद नहीं दिया था । उन्होंने अपने गुप्त शक्तियों से छल के साथ तपस्वियों एवं साधु और सन्यासियों को मार डालते थे ।
बनारसी बाबु हम बेच्यु के छात्र हैं.....हमें पढने का शौक हैं और पढ़ी हुई कहानियाँ सुनाना हमारा पेशा हैं...! कभी आओ अस्सी घाट....बैठकर खूब बाते करेंगे...और बढ़िया वाली लेमन टी पियेंगे.