उपनाम “द क्लाउन डॉल”, “द किलर क्लाउन” , “it द क्लाउन” , “द क्लाउन सीरियल किलर”
किसी की दोस्त एक किशोर लड़की न्यूपोर्ट बीच , सीए में रहने वाले एक परिवार के लिए बेबीसिट कर रही थी | ये परिवार बहुत अमीर है और उनका बहुत ही बढ़ा घर है – आप समझ सकते हैं वैसा जिसमें बहुत सारे कमरे हों | जो भी हो माँ बाप रात को खाना खाने और मूवी देखने जा रहे हैं | पिता बेबीसिटर से कहता है की एक बार बच्चे सो जाएँ तो वो उसके बताये हुए कमरे में (वह नहीं चाहता की बेबीसिटर पूरे घर में घूमे ) जाए और वहां टी वी देखे |
माँ बाप चले जाते हैं और वह जल्दी ही बच्चों को सुला कर टी वी देखने के लिए उस कमरे में चली जाती है | वह टी वी देखने की कोशिश करती है पर कमरे के कौने में रखा क्लाउन का पुतला उसका ध्यान भंग करता रहता है | वो काफी देर तक उसको नज़रंदाज़ करने की कोशिश करती है पर वह उसको इसको इतना प्रभावित करता है की उससे बर्दाश्त नहीं होता |
अंत में वह पिता को फ़ोन करती है और पूछती है , “ बच्चे सो गए हैं , पर क्या ऐसा हो सकता है की मैं कमरे बदल लूं ? ये क्लाउन का पुतला मुझे बहुत डरा रहा है”
पिता बहुत गंभीरता से कहता है , “ बच्चों को लो , पड़ोसियों के यहाँ जाओ और ९११ कॉल करो |”
वह पूछती है , “ क्या हो रहा है ?”
वह जवाब देता है , “ बस पड़ोसियों के यहाँ जाओ और एक बार पुलिस को बुला लो , तो मुझे वापस फ़ोन करना “
वह बच्चों को उठाती है , पड़ोसियों के घर जाती है और पुलिस को फ़ोन करती है | इसके बाद वह पिता को वापस फ़ोन करती है और पूछती है “ तो वाकई में ये क्या चल रहा है ?“
वह जवाब देता है , “ हमारे यहाँ कोई क्लाउन का पुतला नहीं है |” फिर वो और बताता है की बच्चे शिकायत कर रहे थे की जब वह सोते हैं तो एक क्लाउन उन्हें देखता है | वह और उसकी पत्नी काफी डर गए थे ये सोच की शायद उन्होनें कोई बुरा सपना देखा था |
पुलिस आकर उस “क्लाउन” को पकड़ लेती है जो वाकई में एक बौना था | एक बौना क्लाउन ! शायद वह कोई बेघर इन्सान था जिसने क्लाउन के कपडे पहन रखे थे जो किसी तरह से इस घर में घुस गया और कई हफ़्तों से वहीँ रह रहा था | वह रात को बच्चों के कमरे में आ जाता था और उन्हें सोते हुए देखता था | क्यूंकि घर इतना बढ़ा था , वह उनकी नज़रों से बचता रहा और उनके खाने पर अपना जीवन यापन करने लगा | वह टी वी वाले कमरे में ही था जब वह बेबीसिटर वहां पर आई | जब वो आई तो उसे छुपने के लिए वक़्त नहीं मिला , इसलिए वह जहाँ था वहीँ स्थिर हो गया और पुतले की तरह खड़ा हो गया |