इस्डल औरत एक अनजान औरत की मौत का विषय है जिसका शव इस्दालें वैली बेर्गेन नॉर्वे में २९ नवम्बर १९७० को मिला था | नॉर्वे का सबसे बड़ा रहस्य समझे जाने वाले इस केस में कई सालों तक पीड़ित की पहचान, उसके मौत से पहले की घटनाएं और मौत की वजह को लेकर काफी अटकलें लगती रहीं | इस केस में जनता की रूचि काफी महत्वपूर्ण रही |
औरत का शव इस्दालें के उस भाग में मिले जिसे “मौत की घाटी” भी कहा जाता है और जो उल्रिकेन पहाड़ की दिशा में स्थित है | उसके शव के पास पुलिस को जला हुआ पासपोर्ट मिला | शव परीक्षा से पता चला की औरत के गर्दन पर जोर से घाव दिया गया है और उसने मरने से पहले काफी सारी सोने की गोलियां खाई थीं | पुलिस की जांच ने मौत की वजह को ख़ुदकुशी माना लेकिन इस बात पर काफी सवाल उठे |
खोज
२९ नवम्बर १९७० को करीबन १३:१५ बजे उल्रिकेन पहाड़ में चडाई करते वक़्त इस्दालेन घाटी नाम के इलाके में एक विश्वविद्यालय के शिक्षक और उसकी दो बेटियों को नग्न अवस्था में एक औरत का थोडा सा जला शव कुछ चट्टानों के बीच छिपा हुआ मिला | आसपास मोजूद थे एक दर्जन गुलाबी सोने की गोलियां, थोडा सा खाना, शराब की खाली बोटल और दो प्लास्टिक की बोत्त्लें जिनमें से गसोलिन की महक आ रही थी | एक क़त्ल की जांच उसी वक़्त शुरू की गयी लेकिन ये केस बेर्गेन पुलिस का अब तक का सबसे व्यापक आपराधिक मामला बन गया है |
उसकी मौत जलने और कार्बन मोनोऑक्साइड विषाक्तता की वजह से हुई थी और शव परिक्षण से उसके शरीर में कम से कम ५० सोने की गोलियों होने की बात सामने आई | उसके गर्दन पर एक घाव था शायद किसी चोट की वजह से |
जांच
पुलिस ने उस औरत की पहचान को जोड़ा बर्गेन के NSB रेल स्टेशन में मिले दो सूटकेस से | पुलिस को ये भी पता चला की उसने जो भी कपडे पहना था उसमें से हर लेबल हटा दिया था और उसके उँगलियों के निशान मिटा दिए गए थे |
इसके इलावा पुलिस को एक लोशन के लिए डॉक्टर का परचा मिला पर डॉक्टर का नाम और तारिख मिटा दिए गए थे | एक सूटकेस की जेब में पुलिस को ५०० दयूत्सच मार्क मिले | कुछ टूटे कांच के टुकड़ों पर हाकी उँगलियों के निशान मिले | इनसे पहचान करना बहुत मुश्किल था पर पुलिस को शक था की वो मृत औरत के थे | पुलिस गवाहों के बयान और शव के विश्लेषण से औरत का चेहरा बनाने में कामयाब रही ; ये तसवीरें बाद में मीडिया में दिखाई गयीं और इंटरपोल द्वारा और देशों को भी भेजी गयीं |
आखिर पुलिस को पता चला की औरत नॉर्वे और यूरोप में ९ अलग पहचानों: जेनेविवे लान्सिया,क्लौडिया जेल्ट, वेरा स्च्लोसीनेच्क,क्लौडिया निएल्सेन, अलेक्सिया जारना –मेर्चेज़, वेरा जरले, फिनेल्ला लोर्च्क और एलिज़ाबेथ लीं होय्व्फेर से सफ़र कर रही थी | सभी पहचानें झूठी थी | गवाहों के हिसाब से औरत कई विग का इस्तेमाल करती थी और उसके सूटकेस में गुप्त डायरी प्रविष्टियों थीं | इन प्रविष्टियाँ का विश्लेषण करने पर पता चला की वह उन जगहों का नाम और तारिख थीं जहाँ वह औरत इससे पहले गयी थी | औरत के दाँतों और उसमें कराये गए काम का पूरा विश्लेषण करने पर पता चला की वह औरत लैटिन अमेरिका में किसी डेंटिस्ट के पास गयी थी |
गवाहों ने बताया की औरत कई भाषाएँ जानती थी :फ्रेंच,जर्मन,अंग्रेजी और डच | औरत बर्गेन में कई होटलों में रुकी थी | उसने चेकिंग इन के बाद अपना कमरा बदला था क्यूंकि उसे बालकनी वाला कमरा चाहिए था | कागजों में उसने चेक के साथ ये बताया की वो विक्रेता और एक प्राचीन चीज़ों की संग्रहक थी | औरत को शायद दूध के साथ दलिया खाना अच्छा लगता था क्यूंकि कई होटल पर उसने इस खाने की मांग की थी |
जब औरत के सूटकेस मिले तो पुलिस ने उसके कपड़ों की पहचान करवाने के लिए प्रमुख कपडा विक्रेताओं से संपर्क किया | ऐसा नतीजा निकला की वह औरत थोड़े उत्तेजक किस्म के कपडे पहनती थी बिलकुल इटली के लोगों जैसे |
शुरुआती जांच में पुलिस ने एक इटालियन फोटोग्राफर जिसने उसको लिफ्ट दी थी और लीओन के होटल अलेक्सांद्रा में उसके साथ खाना भी खाया था को संपर्क किया | उस इटालियन से पहले बलात्कार के एक मामले में पूछताछ की गयी थी लेकिन वो आरोप बेबुनियाद साबित हुए थे | औरत के सामान में उस इटालियन का नॉर्वे में बिकने वाला पोस्टकार्ड भी मिला | फोटोग्राफर ने बताया की वह औरत अपने आपको साउथ अफ्रीका के जोहानसबर्ग के उत्तर में एक छोटे शहर की निवासी बता रही थी और ये भी की उसके पास नॉर्वे की खूबसूरत जगहें देखने के लिए सिर्फ 6 महीने थे | इसमें आगे पूछताछ करने पर औरत की पहचान के बारे में कोई जानकारी हासिल नहीं हुई |
इस्डल औरत की आख़री पहचान थी जब वह होटल मरीन के कमरा ४०७ से चेकआउट कर रही थी | औरत का हुलिया ३०-४० साल की उम्र, १६४ सेंटीमीटर की लम्बाई, चौड़े नितंब,छोटी आँखें और बहुत हे खूबसूरत बताया जा रहा है | होटल के कर्मचारियों ने बताया की वह औरत अपने कमरे में ही रहती थी और हमेशा चौकन्नी रहती थी | एक होटल के मेहमान ने बताया की वह साउथ स्टेट, जो की मूल नार्वेजियन ब्रांड है की सिगरेट्स पीती थी |
एक गवाह ने बयान दिया की जब वह बर्गेन के होटल में किसी आदमी से बात कर रही थी तो उसने इस्देल औरत को किसी से कहते सुना “इच कोम्मे बाल्ड” ( जर्मन: “में जल्द वापस आ रही हूँ”)
आख़िरी क्षण
24 नवम्बर को मिलने के पांच दिन पहले, एक स्थानीय २६ साल के आदमी उसी इलाके में अपने दोस्तों के साथ चडाई कर रहा था | उसने बताया की उसने एक विदेशी औरत को देखा था जिसका चेहरे से डर छलक रहा था | उसने ये भी ध्यान दिया था की वह औरत काफी अच्छे कपडे पहने थी जो बाहर घूमने और ख़ास तौर से चड़ाई करने के अनुरूप नहीं थे | जब वह उसके पास से गुज़रा तो औरत ने उससे कुछ कहने के लिए मुंह बनाया लेकिन पीछे दो काले कोट पहने आदमियों से डर गयी | उन आदमियों का हुलिया भी विदेशी था |
जब उस २६ साल के व्यक्ति ने एक औरत के वहां मृत मिलने की खबर सुनी तो पुलिस को संपर्क किया | उसने तस्वीरों से उस लड़की को पहचान लिया पर उसके हिसाब से जिस पुलिस वाले से उसने बात की उसने कहा “ उसे भूल जाओ, उसका इलाज हो गया, यह केस कभी नहीं सुलझेगा”, उसने ये राय मान ली और 32 साल इंतज़ार कर इस कहानी को सार्वजनिक किया |