ब्लडी मेरी एक कथा है जिसमें एक भूत या आत्मा को भविष्य बताने के लिए निमंत्रित किया जाता था | ऐसा कहा जाता है की उनका नाम ३ बार पुकारने से वह शीशे में नज़र आने लगती है |ब्लडी मेरी की छवि कथा के अलग अलग रूपान्तरों के हिसाब से सौम्य या कुबुद्धि हो सकती है | ब्लडी मैरी की छवी अक्सर सामूहिक खेलों में प्रदर्शित होती है |
अनुष्ठान
पुराने समय में इस अनुष्ठान में लड़कियों को एक अँधेरे घर में हाथ में आइना और एक मोमबत्ती लिए उलटी सीडियां चढ़नी होती थीं | जैसे जैसे वह आईने में देखती जाती थीं वैसे माना जाता था की वह अपने भावी पति का चेहरा उस में देख पाती थीं | लेकिन एक ये सम्भावना थी की उन्हें खोपड़ी ( या ग्रीम रीपर का चेहरा ) भी दिख सकती थी जिसका मतलब था की शादी होने से पहले ही उनकी मौत निश्चित थी |
आजकल के अनुष्ठानों में ब्लडी मैरी उन व्यक्तियों या गुटों को नज़र आती है जो अटकल के कार्य के तहत उसका आह्वान करते हैं | इसके लिए एक हलकी रौशनी या मोमबत्ती से सुसज्जित कमरे में आईने के सामने उसका नाम लेना चाहिए | ब्लडी मैरी की छवि अक्सर एक शव , चुड़ैल या भूत की तरह से नज़र आती है , वह स्नेहशील या बुरी हो सकती है और कई बार वह खून से सनी नज़र आती है | इस अनुष्टान से जुडी कथाओं की मानें तो वह छवि भागीदारों पर चिल्लाती,कोसती , गला घोटती , उनका ह्रदय चोरी , खून पी और आँखें खरोंचती हुए नज़र आती है | जापान की समकालीन हनोकासन कथा भी काफी कुछ ब्लडी मेरी से मिलती जुलती है |
एक समकालीन तरीका ब्लडी मैरी को उसके बच्चे के लिए ताने देने का उसका ऐतिहासिक रानी मैरी I से उसके समानता को दर्शाना है | उनको भी “ब्लडी मैरी” कहा जाता है क्यूंकि उनके जीवन काल में उन्हें कई गर्भपात और नकली गर्भों का सामना करना पड़ा और उन्हें उनके हिंसक धार्मिक विचारों के लिए जाना जाता था |
घटना का विवरण
एक कम रौशनी वाले कमरे में आईने को ज्यादा देर देखने से इंसान को मतिभ्रम होने लगता है | चेहरे के भाव पिघलने , बदलने , गायब और घुमते नज़र आते हैं और अन्य मतिभ्रम तव जैसे जानवरों के या अजीब से चेहरे दिखाई देने लगते हैं | गिओवान्नी कापुतो कहते हैं की ये घटना जिसे वो “ स्ट्रेंज फेस इल्लुशन” कहते हैं परिणाम है “अलग करनेवाला पहचान प्रभाव” का जो दिमाग के चेहरे पहचानने की शक्ति को अनजाने तरीके से ख़राब कर देता है | इस की और वजहों में शामिल है आत्म सम्मोहन और त्रोक्स्लेर फेडिंग के प्रभाव से उत्पन्न छलावे |