अगर हम भूतों के बारे में बात करते हैं , तो सामान्य जनता भूतों पर की गयी क्षोधों के बजाय किताबों और फिल्मों से मिली जानकारी पर ही अपनी धारणाओं को स्थापित करती है | अधिकतर लोगों की सोच अविश्वास और व्यंग्यात्मक रवैय्ये के बीच में सिमटी रहती है ( १९८४ की फिल्म घोस्टबस्टर्स के जैसे) | अन्य लोग भूतों के रोमानी पहलुओं की तरफ आकार्षित होते हैं ( जैसे १९४७ की फिम द घोस्ट एंड मिस्सिस मुइर या १९९० की लोकप्रिय फिल्म “घोस्ट” में दिखाया गया है )| कुछ उन्हें बहुत भयानक मानते हैं जैसे वो जिन्होनें १९८२ की फिल्म “पोल्तेर्गिस्ट” में एक परिवार को प्रताड़ित किया था| इनसे जुडा सच सभी सीमओं को लांघता है और कुछ ही इसमें ज्यादा अन्दर समावेश होने की कोशिश करते हैं |