जहाज , ट्रेन और अन्य निर्जीव वस्तुओं के दर्शन “अंकित भूतों “ की श्रेणी में आते हैं | क्यूंकि ये वस्तुएं जीवित नहीं होती है , भूत के साथ कोई उर्जा या आत्मा शामिल नहीं होती है जो इस बात को पुख्ता करता है की ऐसे द्रश्य बातचीत की ज़रुरत से न निहित हो कर वातावरण में शामिल होते है | ऐसे दर्शन दुर्लभ और अनावर्ती होते हैं |