ये एक शांत संक्रमण है और इसलिए बहुत मुश्किल से पकड़ में आता है
अभी तक ज़ीका को एक बड़ी चुनौती नहीं माना जा रहा था क्यूंकि इसके लक्षण काफी मंद थे | पांच संक्रमित लोगों में से सिर्फ एक को लक्षण जैसे बुखार , दाने, जोड़ों का दर्द और लाल आँखें का सामना करना पड़ता था | कई बार संक्रमित लोगों को हस्पताल जाने की भी ज़रुरत नहीं पड़ती थी |
ज़ीका संक्रमण के लिए कोई टेस्ट नहीं | क्यूंकि वह डेंगू और पीले ज्वर से सम्बंधित है तो वह इन वायरस के एंटीबाडी टेस्ट्स से विपरीत असर दिखा सकता है | ज़ीका का पता करने के लिए संक्रमण के पहले हफ्ते में खून या उतक का नमूना विशिष्ट कार्यशाला में भेजा जाना चाहिए ताकि परिष्कृत आणविक परीक्षण के माध्यम से वायरस का पता चल सके |