टेराकोटा से बना एक मूर्ती का सर , इस  तेकाक्सिक कैलिक्सलहुका सर की खोज १९३३ में मेक्सिको शहर से ७० किलोमीटर(४३ मील) दूर टोलुका वैली में कब्रों का सामान ढूंढते हुए हुई थी | सर की बनावट रोमन कारीगारी से मिलती जुलती है – एक सबूत जिसकी पेशकश कोलंबस के आने से पूर्व मेसोअमेरिकन और रोमन के बीच में संबंधों की पुष्टि के लिए जाने माने पुरातत्व्वादी रोमियो एच हृस्तोव ने की थी | इस सर के दफ़न होने का समय १६ सदी के आस पास बताया जा रहा है – शुरुआती खोज में  सोना , रॉक क्रिस्टल, फ़िरोज़ा और तांबे की कीमती वस्तुएं भी साथ में मिली थीं |

पर हृस्तोव के मुताबिक(२००१ में) तेकाक्सिक कैलिक्सलहुका सर दूसरी सदी के समय का है , क्यूंकि आदमी की दाड़ी का तरीका रोम के सेवेरियन राजाओं के तरीके जैसा है | इससे पहले १९९५ में किये गए थर्मोलुमिनेस्संस टेस्ट से सामने आया है (कुछ अनुमान के साथ) की इस सर का गठन ९ सदी से १३ सदी के बीच में हुआ था | लेकिन तबसे कई विशेषज्ञों ने तेकाक्सिक कैलिक्सलहुका सर को लेकर काफी अनुमान लगायें है , जिनमें ये भी कहा गया है की वह नकली है , और कुछ ये कहते हैं की इस सर को स्पेनिश कोलोनियल काल में अमेरिका के सामने पेश किया गया था | 


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