पिछले कई दशकों से साउथ अफ्रीका के खनिक रहस्यमयी धातू चक्रों(क्लेर्कस्डोर्प स्फ्हीर्स) को खोद कर निकाल रहे हैं | इनका मूल अनजान है और इन स्फ्हीर्स का व्यास लगभग एक इंच है और इनमें से कुछ के बीच में से तीन रेखाएं पार हो रहीं हैं | दो तरीके के स्फ्हीर्स मिलते हैं; एक जो नीली धातू का है और उसपर सफ़ेद दाने हैं ; दूसरा जो अन्दर से खोखला है और एक सफ़ेद पदार्थ से भरा हुआ है | मुद्दा ये है की जिस पत्थर में ये मिले हैं वह कैंब्रियन काल से पहले की हैं और उनकी उम्र लगभग २.८ बिलियन साल है ! किसने इनका निर्माण किया और किस उद्देश्य से ये बात आज भी अनजान है |
इन चक्रों को क्षोध्कर्ताओं और पत्रकारों ने कई किताबों , लेखों और इन्टरनेट के माध्यम से दूसरी दुनिया का बताया है और ये भी कहा है की ऐसी कलाकृतियों का निर्माण सिर्फ अति बुद्धिमान जीव ही कर सकते हैं | जिन भूवैज्ञानिकों ने इन वस्तुओं का अध्ययन किया है वह इस बात पर जोर देते हैं की ऐसी वस्तुओं का निर्माण नहीं होता बल्कि वह प्राकृतिक प्रक्रिया का नतीजा है |