मेलोनिए बिडरसिंह 17 साल की थी और १९९४ में कनाडा में अपने पिता और सौतेली माँ के साथ रहती थी जब उसका शव एक जलते सूटकेस के अन्दर मिला | पर पुलिस २०१२ तक शव की पहचान नहीं कर सकी और तब उन्होंने दंपत्ति को क़त्ल का ज़िम्मेदार होने के कारण गिरफ्तार कर लिया |
जब पुलिस को बिडरसिंह का शव मिला तो उसकी 21 हड्डियाँ टूटी थीं और फिंगर प्रिंट्स और फूट प्रिंट्स सब नष्ट कर दिए गए थे|
केस का खुलासा तब हुआ जब किसी ने टोरंटो पुलिस विभाग को जानकारी देने के लिए फ़ोन किया | जमैका में बिडरसिंह की असली माँ से मिलने के बाद पुलिस का शक उसके बाप और सौतेली माँ पर गया | मार्च २०१२ तक दंपत्ति जेल में ही था |