दान्तिदुर्ग ने राष्ट्रकूट साम्राज्य की स्थापना की | राष्ट्रकूट साम्राज्य अपने समय का सबसे शक्तिशाली साम्राज्य था | शुरुआत में उनकी राजधानी लात्तालुरु (लातूर) थी और बाद में बदल कर मान्यकेता (मलखेड) कर दी गयी |
अमोघ्वर्षा(८१४-८८० ऐ डी) राष्ट्रकूट राजाओं में सबसे प्रसिद्द हुए | उनका लम्बा साम्राज्य जैन धर्म के प्रचार और क्षेत्रीय साहित्य के विकास के लिए जाना जाता है | अमोघ्वर्षा के पर पौते इंद्रा III ने प्रतिहार राजा महिपाल को शिकस्त दी | कृष्णा III राष्ट्रकूट साम्राज्य के आख़री महान राजा थे | राष्ट्रकूट कला और निर्माण के बहुत बड़े प्रशंसक थे | कृष्णा I ने एल्लोरा में कैलास मंदिर का निर्माण कराया | घरापुरी (मुंबई के पास एलेफान्टा ) गुफाओं का निर्माण भी इसी साम्राज्य में हुआ था |