उन्होनें कांचीपुरम में अपनी राजधानी बनाई और दक्षिण पर अपना कब्ज़ा जमा लिया | उन्हें ३६० ऐ डी में गुप्तों ने शिकस्त दी लेकिन वह फिर भी चोला के राज्य को हथियाने तक शासन करते रहे | उन्होनें ४ सदी से ९ सदी तक राज्य किया हांलाकि उनके निशान १३ सदी तक मोजूद रहे | इस साम्राज्य ने महेंद्र –वर्मान I(६००-६३०ऐ डी) के शासन में उत्कृष्टता हासिल की जब महाबलीपुरम जैसे स्थानों में बेहतरीन निर्माण के नमूने देखने को मिले | ७ और ८ सदी के दौरान , ये साम्राज्य आंध्र प्रदेश के मध्य से होता हुआ कावेरी नदी तक फैला हुआ था | बाद में ९ सदी में पल्लव तंजोर के चोला राजाओं द्वारा गुलाम बना लिए गए