१४९२ में कासिम बारिद द्वारा इस साम्राज्य की स्थापना हुई | महमूद शाह बहमनी के राज्य के दौरान वास्तविक रूप से बारिद शासन कर रहे थे | उनकी १५०४ में  मौत के बाद उनके बेटे आमिर बारिद ने प्रधान मंत्री की ज़िम्मेदारी संभाली और बहमनी सल्तनत के प्रशासन का कार्यभार संभाला | १५१८ में महमूद शाह बहमनी की मौत के बाद एक एक करके ४ सुल्तान आये लेकिन सब आमिर बारिद की हाथ की कठपुतली थे | जब आख़री बहमनी शासक कलीमुल्लाह १५२७ में बीदर चला गया तो आमिर बारिद ने सत्ता संभाल ली |


१५४२ में उनके बेटे अली बारिद आये जिन्होनें शाह का शीर्षक शुरू किया | १५८० में अली बारिद की मौत के बाद उनके बेटे इब्राहीम बारिद आये लेकिन १५८७ में उनकी मौत हो गयी और सत्ता उनके छोटे भाई कासिम बारिद II को हासिल हुई | उनकी १५९१ में मौत के बाद उनके नवजात बेटे अली बारिद II को सत्ता मिली लेकिन जल्द ही उनके एक रिश्तेदार आमिर बारिद II ने उनसे सत्ता छीन ली | १६०१ में मिर्ज़ा अली बारिद ने फिर सत्ता पलट दी | १६०९ में आखिरी बारिद राजा आये आमिर बारिद III जिन्होनें १६१६ में मालिक एम्बर के नेतृत्व में मुगलों से युद्ध किया | १६१९ में बीजापुर के सुल्तान इब्राहीम आदिल शाह II ने उनको हरा बीदर को बीजापुर का हिस्सा बना लिया | आमिर बारिद III और उनके बेटों को बीजापुर ला कड़ी निगरानी में रखा गया | 

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