२०१३ में छपी साइकोलॉजी बुलेटिन के मुताबिक १७०,००० के ऊपर सर्वेक्षण करने पर मालूम पड़ा है की एक व्यसक व्यक्ति के दोस्तों और साथियों का दायरा पिछले तीन दशकों में काफी सिमट गया है | इसीलिए ये कोई हैरानी की बात नहीं है की लोगों को अकेलापन महसूस होता है | लेकिन अकेलापन अकेले रहने से जन्म नहीं लेता है | भीड़ में रह कर भी लोग अपने को अकेला महसूस करते हैं |
अकेलापन , अकेले रहने से भी ज्यादा खतरनाक है क्यूंकि अकेलेपन से इन्सान की उम्र कम होती है ऐसा कहना है लोनेलिनेस :ह्यूमन नेचर एंड द नीड्स फॉर सोशल कनेक्शन के सह लेखक जॉन कैसिअप्पो का |
अगर ये इतना खतरनाक है तो हम इसका सामना कैसे करें |
क्या आप सोच रहे हैं की अकेलापन महसूस करने पर क्या करें ? नीचे लिखे हैं 15 आजमाए हुए तरीके