ये सालाना महोत्सव क्रिसमस से पहले ४० दिन के लेंट काल की शुरुआत का प्रतीक है | इस महोत्सव का मूल है सैटर्नएलिया का त्यौहार | हांलाकि ये कार्निवल मुख्यतः कैथोलिक है फिर भी सारी दुनिया इस ख़ुशी , रंग ,संगीत और लय के समागम को देखने के लिए इकठ्ठा होती है |इस महोत्सव के दौरान प्रदर्शनकारी खास तौर पर साम्बा नृत्य के कलाकार बॉडी पेंट ,पंख ,ग्लिटर इत्यादि लगा सड़क पर उतर अपना बेहतरीन प्रदर्शन दिखाते हैं | इस महोत्सव के दौरान “शरीर के भोगों को त्यागने” की तैय्यारी की जाती है क्यूंकि लेंट काल में ईसाई धर्म के प्रचारकों को सब शारीरिक भोगों से दूर रहने की कहा जाता है |