अपनी किसी भी तरह की प्रतिक्रिया को संतुलित रखें | या उससे भी बेहतर सकारात्मक बातों को ज्यादा तूल दें | वक़्त के साथ अपने साथी को उसके द्वारा की गयी छोटी छोटी चीज़ों के लिए हम शुक्रिया कहना भूल जाते हैं फिर चाहे वो घर की सफाई में हाथ बंटाना होता है या आपके माँ बाप के साथ वक़्त गुज़ारना | अगर आपको आलोचना करने की आदत है तो तारीफ और शुक्रिया कहने की आदत को भी बनाये रखें |