अपनी मृत्यु शैय्या पर पांडू ने इच्छा ज़ाहिर की उनके बेटे उनका दिमाग का सेवन करें ताकि उन्हें अनुभव ,अकल और ज्ञान मिल सके | सिर्फ सहदेव ने उनकी बात मानी और वह दुनिया के सर्वश्रेष्ठ ज्योतिष बन गए | रोचक बात ये है की उन्हें मालूम था की युद्ध होगा पर इस बात को सार्वजानिक करने की बजाय उन्होनें चुप रहना ज्यादा बेहतर समझा |
सहदेव जिसने अपने पिता के दिमाग का भक्षण किया था न सिर्फ भविष्य देख सकता था अपितु एक बेहद कुशल ज्योतिषी भी था | इसीलिए शकुनी ने दुर्योधन से सहदेव से युद्ध के लिए उपयुक्त महूरत निकलवाने को कहा | हांलाकि सहदेव जानते थे की ये बात पांडवों के लिए सही नहीं है फिर भी उन्होनें महूरत की जानकारी दुर्योधन को दी |