पांडवों और कौरवों के गुरु द्रोणाचार्य पहले टेस्ट टयूब बेबी थे | ऋषि भारद्वाज और अप्सरा क्रिथाजी उनके माँ बाप थे | एक दिन जब ऋषि भारद्वाज अपनी पूजा के लिए तैयार हो रहे थे उन्होनें एक बहुत सुन्दर अप्सरा को नदी में नहाते देखा जिससे उनका वीर्य पात हो गया | उन्होनें उस वीर्य को एक मटके में भर एक अँधेरी जगह पर रख दिया | कुछ दिनों बाद उससे एक बालक का जन्म हुआ जो थे द्रोणाचार्य |