मात्सुओ खदान १९१४ में खुली और १९६९ में बंद कर दी गयी | खोजकर्ताओं में ये जगह धुंध के बनने और बहने के लिए मशहूर है | ये धुंध इतनी घनी होती है की वह उस पूरे शहर को ढक देती थी |
मात्सुओ खदान १९१४ में खुली और १९६९ में बंद कर दी गयी | खोजकर्ताओं में ये जगह धुंध के बनने और बहने के लिए मशहूर है | ये धुंध इतनी घनी होती है की वह उस पूरे शहर को ढक देती थी |