त्रवेन्कोर के राजा वह पहले एशिआई राजा थे जिन्होनें युद्ध में एक यूरोपी थल सेना को हराया | १७४१ में कोलाचेल के युद्ध में उन्होनें डच सेना को शिकस्त दी | वह इसलिए महान योद्धा हैं क्यूंकि अपनी किशोरेअवास्था से ही उन्हें महल से बाहर सिर्फ एक या दो सैनिकों के साथ जाने की अनुमति मिलती थी | और तब से ही उन्होनें अपने ऊपर हुए करीब २० हमलों को विफल किया और एक समय पर कम से कम 6 या 7 लोगों से युद्ध किया | वह एक कुशल योद्धा थे और बहुत बहादुर भी | इसीलिए उन्हें मेमनों के बीच शेर भी कहा जाता था |