मातंगिनी हजरा भारत छोड़ो और असहयोग आन्दोलन का हिस्सा थी | ऐसी ही एक रैली में वह भारत का झंडा ले आगे बढती रहीं जबकि उनको तीन बार गोली मार दी गयी थी | 

उन्हें २९ सितम्बर १९४२ को तामलुक पुलिस स्टेशन के सामने अंग्रेजों की पुलिस ने गोली मारी थी जिससे उनकी मौत हो गयी | प्यार से उन्हें सब गाँधी बुरी भी कहते थे |


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