वह वैश्वीकरण विरोधी आंदोलन की एक प्रवक्ता हैं और अमेरिका की वैश्विक नीतियों का विरोध करती हैं | वह भारत की परमाणु हथियार और औद्योगीकरण और तेजी से विकास की नीतियों की अवहेलना करती हैं | अगस्त २००८ में अरुंधती रॉय ने कश्मीर की स्वतंत्रता के लिए अपना समर्थन व्यक्ति किया | ऐसा कहने के लिए कांग्रेस और भाजपा दोनों ने ही उनकी निंदा की और बयान वापस लेने को कहा |
अगस्त २००६ में रॉय, नाओम चोमस्की , होवार्ड जिन्न और अन्य कई लोगों ने एक दस्तावेज़ पर हस्ताक्षर किये जिसमें २००६ के लेबनान युद्ध को एक गुनाह माना और इजराइल को राजकीय खौफ्फ़ फ़ैलाने का ज़िम्मेदार बताया |