रस्सुन्दारी देवी का जन्म पश्चिम बंगाल में हुआ था | ६० साल की उम्र में उन्होनें अपनी जीवनी बंगला में लिखी | उनकी किताब अमर जीबन किसी भारतीय महिला द्वारा लिखी जानी वाली पहली जीवनी है | रस्सुन्दारी देवी एक जमींदार परिवार की गृहणी थीं | उस समय ऐसा माना जाता था की अगर एक औरत पढना लिखना सीखे तो उसका पति मर जाएगा और वह विधवा बन जाएगी | इसके बावजूद उसने अपनी शादी के बाद खुद को पढना लिखना सिखाया |