रावण अपने द्वारा मारे गए साधुओं के खून को एक बड़े मटके में भर कर रखता था | साधू ग्रितास्मद देवी लक्ष्मी को अपनी बेटी के रूप में पाने के लिए प्रार्थना कर रहे थे | उन्होनें दर्भ घास से दूध निकाल मंत्रो से शुद्ध कर एक मटके में बंद कर दिया ताकि लक्ष्मी उसमें वास कर सके | रावण ने इस मटके के दूध को अपने मटके में डाल दिया | मंदोदरी रावण के कुकर्मों से परेशान हो आत्महत्या करने के इरादे से इस मटके के पदार्थ का सेवन कर लेती हैं | मरने के बजाय मंदोदरी के गर्भ में लक्ष्मी देवी का अवतार स्थापित हो जाता है | मंदोदरी उस बच्ची को कुरुक्षेत्र में दफना देती हैं जहाँ वह जनक को मिलती हैं और वह उसका नाम सीता रखते हैं |