राम और उनके भाइयों के जन्म से पहले दशरथ और उनकी पत्नी कौशल्या के शांता नाम की एक बेटी थी | कौशल्या की बड़ी बहन और उनके पति राजा रोमपाड निस्संतान थे | जब वेर्शिनी अयोध्या आई तो उन्होनें एक संतान की मांग की तो दशरथ ने उन्हें शांता को गोद देने का वादा कर दिया | क्यूंकि रघुकुल के लोग वचन नहीं तोड़ सकते हैं , शांता तो राजा रोमपाड ने उन्हें गोद ले लिया | एक दिन जब शांता बड़ी हो गयी थी तो वह राजा रोमपाड से बात कर रही थीं | अपनी बेटी से बात करने में राजा इतने व्यस्त थे की उन्होनें वह मदद मांगने आये ब्राह्मण को नज़रान्दाज़ कर दिया | इंद्र भगवान ये देख नाराज़ हो गये और राजा रोमपाड को सजा देने का फैसला किया |
.इस श्राप से बचने के लिए राजा ने ऋषि रिश्य्सृन्गा को बारिश करने के लिए यज्ञ करने को कहा जो की सफल रहा | ऋषि को सम्मान देने के लिए दशरथ और रोमपाड ने शांता का विवाह रिश्यसृन्गा से करवा दिया |