युद्ध के पहले दिन जब दिन समाप्त होने वाला था रावण लंका के सबसे ऊँचे शिखर पर से देखने गया तो उसने देखा की उसकी सेना बंदरों और भालूओं से पराजित हो रही है | हनुमान ने रावण को वहां खड़े देख लिया और एक लम्बी छलांग लगा राक्षस राज के सर पर जा बैठे |
एक बार वह रावण के सर पर चढ़ गए तो हनुमान उनके दस सरों पर नाचने लगे और मुकुट को नीचे फ़ेंक दिया | इस घटना को देख रावण की सेना हैरान रह गयी और शर्म से सबने सर झुका लिए | दूसरी तरफ वानरों और भालुओं की सेना जोर से खुशियाँ मनाने लगी |
रावण के सर पर नाचने का ये प्रयास हनुमान ने राक्षस राजा और उसकी सेना को हताश करने के लिए किया था | इसके फलस्वरूप रावण की सेना के राक्षसों का मनोबल कम हो गया | इस नकरात्मक सोच का वानरों और भालुओं की सेना ने फायदा उठाया और अंत में रावण की सेना को हार का सामना करना पड़ा |