धींगा गावर पश्चिमी राजस्थान के जोधपुर में मनाया जाने वाला एक त्यौहार है | धींगा गावर असल में एक स्थानीय देवी हैं , शिव की पत्नी का मजाकिया रूप गणगौर | ये पर्व होली के अगले दिन मनाया जाता है | ऐसा कहा जाता है की शिव ने अपनी पत्नी पार्वती  को मोची बन कर सताया था तो जवाब में पार्वती भी मज़े लेने के लिए शिव के सामने भील की तरह तैयार हो कर पहुंची |

धींगा गावर का पर्व सूर्यास्त के बाद शुरू होता है जब उनकी प्रतिमाएं जोधपुर शहर के ११ स्थानों पर रखी जाती हैं | हर प्रतिमा को राजस्थानी वेशभूषा में सभी आभूषणों के साथ तैयार किया जाता है |औरतें देवी देवताओं , पुलिस ,संत ,डाकू या आदिवासियों की तरह तैयार होती हैं और उनके हाथ में एक बेंत होता है  |रात भर वह जोधपुर की सड़कों पर घूम धींगा गावर की प्रतिमाओं की सुरक्षा करती हैं |ऐसी मान्यता है की अगर इस समय में कोई कुंवारा आदमी इन लड़कियों के नज़दीक आता है और अगर वह उसको बेंत से मारती हैं तो जल्दी ही उसकी एक अच्छी लड़की से शादी संपन्न होगी | 

ये एक त्यौहार है जहाँ औरतों को प्राथमिकता मिलती है | इस त्यौहार में विधवाएं भी भाग ले सकती हैं |जो औरतें इस त्यौहार में शामिल होती हैं वह रात भर बेंत ले सड़क पर राज्य करती हैं | हांलाकि पुलिस भी मोजूद होती है पर लोग अपने आप ही इस जलसे को शांति पूर्वक संपन्न कर देते हैं |


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