1 मार्च 2001 को सेंसेक्स में 176 पॉइंट की गिरावट भारत सरकार के लिए एक बड़ा झटका था | इस एकदम से आई गिरावट से जांच की ज़रुरत उठी | सेबी ने कुछ ब्रोकर की गतिविधियों को भी जांचने का फैसला किया |. इस घोटाले ने सब निवेशकों के आत्मविश्वास को हिला दिया | मार्च 2001 के अंत तक करीब 8 लोगों ने हताश हो ख़ुदकुशी कर ली और कई निवेशक कंगाली की कगार पर थे |
इस घोटाले में सबसे पहली गिरफ़्तारी थी केतन पारेख की ३० मार्च २००१ को | जल्द ही खबरें आने लगीं की कैसे केतन पारेख ने अकेले ही भारतीय इतिहास में इस सबसे बड़े घोटाले को अंजाम दिया था | उसे बैंक ऑफ़ इंडिया को करीब ३० लाख डॉलर का नुकसान कराने का दोषी पाया गया | केतन पारेख की गिरफ्तारी से सेंसेक्स 147 पॉइंट से फिर गिर गया |