ये एक और मंदिर जो मेजर हरभजन सिंह को समर्पित है | हरभजन सिंह भारतीय सेना के राजपूत पलटन में १९६२ के सीनों भारतीय युद्ध के दौरान कार्यरत थे | उनकी और उनकी पलटन की युद्ध के दौरान मौत हो गयी | वह तब सिर्फ २७ साल के थे | उन्हें १९६९ में मरणोपरांत महा वीर चक्र भी दिया गया था |

सूत्रों के मुताबिक बाबा हरभजन सिंह आज भी भारतीय सेना से तनख्वाह पा रहे हैं | उनके मंदिर में पलंग और एक सैनिक के इस्तेमल की सब चीज़ें मोजूद हैं | कई बार सैनिकों ने बताया है की वह रात में शिविर  में आये हैं और अपना सामान भी इस्तेमाल किया है |हर साल सब सैनिक मिलकर उनकी माँ को पैसे भी भेजते हैं |ऐसा माना जाता है की वह आत्मा रूप में अभी भी भारतीय सीमा की रक्षा कर रहे हैं |


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