वो कितने बेहतरीन शिक्षक थे वो उनको महात्मा गाँधी द्वारा दिए गए उपनाम गुरुदेव से ही पता चलता है | उनका सबसे बड़ा योगदान – शान्तिनिकेतन में विश्व भारती कई दिग्गजों जैसे इंदिरा गाँधी ,सत्यजित रे ,अमर्त्य सेन , गायत्री देवी और अब्दुल घनी खान इत्यादि की शिक्षा संस्था बनी |
एक शिक्षक के तौर पर वह अपने समय से बहुत आगे सोचते थे | घर में ही शिक्षा हासिल करने वाले टैगोर ने कर के शिक्षा प्राप्त करने के तरीकों का समर्थन किया | उनके पढाई के तरीकों में यात्रा , बातचीत ,बहस और अनुमान के तरीके शामिल थे |
वह खास तौर से बच्चों की शिक्षा पर ध्यान देते थे | उनकी राय में एक बच्चे की कल्पना बहुत विस्तृत और सटीक होती है और इसीलिए उसको साधारण शिक्षा के तरीकों में बांधने से उसकी बढ़त रुक जायेगी |