सरदार गौतु लाचान्ना का जन्म श्रीकाकुलम क्षेत्र में एक गरीब परिवार में जन्म हुआ था | उन्हें 21 साल की उम्र में पलासा में नमक आन्दोलन में भाग लेने के लिए गिरफ्तार किया गया था | उन्होनें बरुआ में सत्यग्रह का आयोजन किया और श्रीकाकुलम क्षेत्र की विदेशी कपड़ों की दुकानों को नष्ट करवाया | १९४२ में भारत छोड़ा आन्दोलन के चलते अंग्रेजी सरकार उनकी तलाश कर रही थी | वह पिछड़े वर्गों, ट्रेड यूनियनों और समाज के कमजोर वर्गों के लोगों के हक के लिए लड़ते थे |