सने गुरूजी महाराष्ट्र के ग्रामीण इलाको के शिक्षक थे | उन्होनें न सिर्फ अपने छात्रों में अच्छे संस्कार डाले अपितु विद्यार्थी नाम की एक पत्रिका भी शुरू की जो उस समय बेहद लोकप्रिय हुई | वह न सिर्फ एक अध्यापक थे बल्कि एक स्वतंत्रता सेनानी भी थे | उन्होनें भारत छोड़ो और सविनय अवज्ञा आंदोलन में भाग लेने के लिए जेल भी भेजा गया |
उन्होनें छुआछूत को हटाने के लिए महाराष्ट्र में जमकर काम किया |उन्हें कई किताबें भी लिखी और 15 अगस्त १९४८ को साधना नाम की एक पत्रिका भी शुरू की जो आज भी सक्रीय है |