वह बहादुर भिक्षु जिसने अमेरिका में तब हिंदुत्व और भारतीय संस्कृति की महानता का परचम लहराया जब पश्चिमी सभ्यता भारतीयों को वह्शी समझती थी | अपने गुरु श्री रामकृष्ण परमहंस के सबसे पसंदीदा शिष्य थे वो | वह त्याग की मूर्ती थे और उन्होनें अपनी ज़िन्दगी अपने देश को सौंप दे दी और गरीब ,मजबूर और पिछड़े वर्ग के लोगों के विकास के लिए पूर्ण रूप से कोशिश की |