महाभारत और पुराणों के मुताबिक वज्र यदु वंश के बचे हुए सदस्यों में से एक थे | वह कृष्ण के प्पौत्र , प्रद्युम्न के पोते और अनिरुद्ध के बेटे थे |राजा वज्र ने एक ब्रज नाम के पत्थर से कृष्ण और अन्य भगवानों की १६ मूर्तियाँ बनवाई और इन्हें मथुरा के आस पास के क्षेत्रों में स्थापित करवा दिया | ऐसा कहा जाता है की वज्र ने पहले उत्तरा के ब्योरे से कृष्ण की ३ मूर्तियाँ बनवाई थीं पर कोई एक भी बिलकुल सही मेल नहीं खाती थी |गोविन्दजी की शक्ल मिलती थी , मदन मोहन पैरों तक मिलते थे और गोपीनाथ गर्दन से पेट तक मेल खाते थे | भगवान मदन गोपाल की मूर्ति औरंगजेब के डर से मदन मोहन मंदिर वृन्दावन से हटा कर करौली राजस्थान में भेज दी गयी |