स्वयंभू की कहानी कुछ इस प्रकार है | जब चरवाहे ने पत्थर को लकड़ी से छुआ तो पत्थर से खून निकलने लगा | चरवाहे हैरान रह गए | उसी रात शनिश्वर भगवान सबसे धार्मिक चरवाहे के सपने में आये |उन्होनें चरवाहे को बताया की वह शनिश्वर हैं और ये उनका स्वयंभू रूप है | चरवाहे ने पुछा की क्या वह उनके लिए मंदिर का निर्माण करवाए तो भगवान ने कहा की छत की ज़रुरत नहीं है क्यूंकि वह खुले आसमान में रहना चाहते है | उन्होनें चरवाहे से रोज़ पूजा और शनिवार को तैलाभिषेक करने को कहा | उन्होनें कहा की पूरे गाँव को चोरों और डकैतों से डरने की ज़रुरत नहीं है |