अमावस्या के दिन गाँव वाले एक मेले का आयोजन करते हैं | इससे भी ज्यादा बड़ा त्यौहार उस दिन मनाया जाता है जब पूरनमाशी शनिवार को पढ़े | भक्त जन शनि देव की मूर्ति को पानी और तेल से नहलाते हैं और उन्हें फूल और उड़द समर्पित करते हैं | मेले के दिन शनि देव की पालकी भी निकलती है | इसके इलावा मनाये जाने वाले त्यौहार हैं शनि देव का जन्मदिवस शनि जयंती |