कर्ण पिछले जन्म में तानासुर(सहस्त्रकवच) नाम के राक्षस थे जिसके हज़ार सर थे | उनके शरीर को हजारों कवच सुरक्षित रखते थे |उन्हें मारना आसान नहीं था | किसी भी व्यक्ति को पहले एक साल तक तप करना पड़ता और फिर एक साल लड़ाई करने के बाद हे वह उनका सर काट सकता था |जब लोग उस राक्षस
जब लोग इस राक्षस से परेशान हो गए तो विष्णु भगवान ने उसे मारने का फैसला किया | विष्णु ने नर नारायण की तरह अवतार लिया | जब नर तानासुर से लड़ रहे थे तो नारायण 1 साल के लिए तपस्या कर रहे थे | जब नर ने उनके ९९९ सर काट दिए तो राक्षस सूर्य लोक में छुप गया | कर्ण ने तानासुर के पुनर्जन्म की तरह जन्म लिया और उनके पास अपना आखरी कवच और कुंडल इस जन्म में साथ थे |