१९०७ में जब भारतीय स्वतंत्रता आज़ादी से बेहद दूर थी , श्रीमती कामा ने सबसे पहला भारतीय ध्वज जर्मनी में कई देशों के प्रतिनिधियों के सामने अंतराष्ट्रीय समाजवादी सभा में फेहराया | कामा उन कुछ लोगों में से हैं जिन्होनें वीर सावरकर को अपनी कैद से छूटने में मदद की | हांलाकि शुरू में वह हिंसक तरीकों के विरुद्ध थीं बाद में अपने देशवासियों की तकलीफ देख वह भी क्रांतिकारी दल में शामिल हो गयी |