पंजाबी संगीत जगत का एक उत्कृष्ट सितारा इस आदमी की मृत्यु आज भी राज़ है |
अपने गानों के द्वारा अमर शादी के बाद रिश्ते , शराब सेवन , गुस्सा इत्यादि मामलों पर आवाज़ उठाते थे | उन्हें सच बोलने के लिए जाना जाता था |जब वह अपनी ख्याति के चरम पर थे तो उन्हें कई बार खालिस्तानी आतंकवादियों से मौत की धमकी मिलती थी |शायद इसलिए क्यूंकि उनके गाने समाज की जड़ों को हिला सकते थे और उनकी पत्नी उनकी बिरादरी के बाहर से थीं |
जब वह 8 मार्च 1988 को मेह्समपुर पंजाब में प्रदर्शन करने पहुंचे तो दोनों को करीब २ बजे गाड़ी से उतरते समय गोली मार दी गयी | अमरज्योत उस समय गर्भवती थीं और उन्हें छाती में गोली मारी गयी जबकि चमकीला और उनके साथी गिल सुरजीत और राजा को भी ४ गोलियां लगीं |इलजाम आतंकवादियों पर लगा लेकिन कुछ लोगों का मानना की अन्य पंजाबी गायकों ने अमर की सफलता से चिड उनके खिलाफ साजिश की थी | उनके क़त्ल के बाद कर्फ्यू घोषित किया गया क्यूंकि दंगे छिड गए थे | इस मामले में कोई गिरफ्तारी नहीं हुई और कातिलों का कभी पता नहीं चला |