जालंधर शिव अंश था और सिर्फ शिव के हाथों मारा जा सकता था | बचपन से ही जालंधर शेरों से लड़ने की ताकत रखता था | बड़े होने पर शुक्राचार्य ने उसे दानव राज बना दिया | वह आसानी से नहीं मर सकता था क्यूंकि उसकी पत्नी बहुत पतिव्रता थी इसलिए विष्णु ने धोखे से उसकी पत्नी के साथ एक रात बिताई | इसके बाद ही जालंधर की मौत हो सकी | उसके मौत के बाद उसकी आत्मा शिव में समावेश हो गयी |



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