वह रामायण काल से कुछ समय पहले के हेहेया साम्राज्य के राजा थे | उनके प्रमुख पंडित रावण के पर दादा पुलस्त्य थे | उन्हें एक सप्त्रिशी जमदग्नि से एक गाय चाहिए थे | मना करने पर उन्होनें जमदग्नि को जान से मार दिया जिसका बदला बाद में उनके पुत्र परशुराम ने लिया |
रावण ने उनके राज्य को जीतने की कोशिश की लेकिन सहस्त्रार्जुन ने रावण को एक सांकल से बाँध दिया और उसके दादा के कहने पर ही उसको छोड़ा | हांलाकि वह एक खलनायक थे फिर भी कई पुराणों में उनकी तारीफ की गयी है | मध्य प्रदेश और गुजरात के यादव आज भी उनकी पूजा करते हैं और उनके नाम पर कई मंदिरों का निर्माण भी करवा चुके हैं |