शूर्पर्नेखा रावण के विनाश की ज़िम्मेदार थी | उसका एक ही गुनाह था की वह एक शादी शुदा पुरुष श्री राम में रूचि रखती थी | उसको जाने के लिए कहने के बजाय श्री राम ने उसे अपने भाई के पास भेज दिया जिसने उसके नाक और कान काट दिए | रामायण के कुछ रूपान्तरों में लिखा है की वह रावण से नफरत करती थी क्यूंकि रावण ने उसके पति को मार दिया था | वह सच में चाहती थी की रावण का विनाश हो और राम और लक्ष्मण द्वारा नाक काटे जाने की घटना कभी घटित हुई नहीं थी |