दुर्योधन ध्रितराष्ट्र और गांधारी का पुत्र था | हांलाकि वह एक शक्तिशाली योद्धा था उसकी सत्ता की चाहत ने उसका विनाश करवा दिया | वह बहुत आसानी से बातों में आ जाता था इसलिए शंकुनी की चालों को समझ नहीं पाता था |

इन सब कमियों के बावजूद उसे स्वर्ग जाने का मौका मिला क्यूंकि उसने युद्ध नैतिक तरीकों से लड़ा था | उनके नाम का एक मंदिर भी है जहाँ उनकी आज तक पूजा की जाती है |


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